-
करतब कवायत
लोकांसाठीच व लोकांसंबंधीच, लोकांनी रचलेली गीते म्हणजेच लोकगीते. भावना उत्कट होऊन ओठावर येणारी गीते.
Type: INDEX | Rank: 1.580685 | Lang: NA
-
हवाई करतब
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.580685 | Lang: NA
-
करतब
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.580685 | Lang: NA
-
magic trick
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.3394712 | Lang: NA
-
legerdemain
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.3394712 | Lang: NA
-
miracle
Meanings: 7; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.3394712 | Lang: NA
-
conjuration
Meanings: 4; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.3394712 | Lang: NA
-
conjuring trick
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.3394712 | Lang: NA
-
thaumaturgy
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.3394712 | Lang: NA
-
deception
Meanings: 4; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.2970373 | Lang: NA
-
illusion
Meanings: 18; in Dictionaries: 11
Type: WORD | Rank: 0.2546034 | Lang: NA
-
magic
Meanings: 16; in Dictionaries: 8
Type: WORD | Rank: 0.2121695 | Lang: NA
-
trick
Meanings: 14; in Dictionaries: 5
Type: WORD | Rank: 0.2121695 | Lang: NA
-
उड़ाका
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.06207488 | Lang: NA
-
हवाबाज़ी
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.05320704 | Lang: NA
-
तासला
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.05320704 | Lang: NA
-
करतबी
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.05320704 | Lang: NA
-
अखाड़ा
Meanings: 5; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.04389357 | Lang: NA
-
भजन - है प्रभु ! मेरोई सब दोसु...
तुलसीदास हिन्दीके महान कवी थे, जिन्होंने रामचरितमानस जैसी महान रचना की ।
Type: PAGE | Rank: 0.03103744 | Lang: NA
-
सरकस
Meanings: 5; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.02660352 | Lang: NA
-
सर्कस
Meanings: 8; in Dictionaries: 5
Type: WORD | Rank: 0.02660352 | Lang: NA
-
निहंग
Meanings: 10; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.0221696 | Lang: NA
-
रश्मिरथी - द्वितीय सर्ग - भाग १०
राष्ट्र कवि "दिनकर" आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं।
Type: PAGE | Rank: 0.01773568 | Lang: NA
-
रश्मिरथी - द्वितीय सर्ग - भाग ६
राष्ट्र कवि "दिनकर" आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं।
Type: PAGE | Rank: 0.01773568 | Lang: NA
-
रश्मिरथी - प्रथम सर्ग - भाग १
राष्ट्र कवि "दिनकर" आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं।
Type: PAGE | Rank: 0.01773568 | Lang: NA
-
विनय पत्रिका - विनयावली १२२
विनय पत्रिकामे , भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 0.01773568 | Lang: NA
-
तुलसीदास कृत दोहावली - भाग १९
रामभक्त श्रीतुलसीदास सन्त कवि आणि समाज सुधारक होते. तुलसीदास भारतातील भक्ति काव्य परंपरेतील एक महानतम कवि होत.
Type: PAGE | Rank: 0.01567627 | Lang: NA
-
तुलसीदास कृत दोहावली - भाग ८
रामभक्त श्रीतुलसीदास सन्त कवि आणि समाज सुधारक होते. तुलसीदास भारतातील भक्ति काव्य परंपरेतील एक महानतम कवि होत.
Type: PAGE | Rank: 0.01551872 | Lang: NA
-
विनय पत्रिका - विनयावली १५५
विनय पत्रिकामे , भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 0.01551872 | Lang: NA
-
विनय पत्रिका - विनयावली ८९
विनय पत्रिकामे , भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 0.01551872 | Lang: NA
-
विनय पत्रिका - विनयावली १९०
विनय पत्रिकामे , भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 0.01330176 | Lang: NA
-
सुखमनी साहिब - अष्टपदी २२
हे पवित्र काव्य म्हणजे शिखांचे पांचवे धर्मगुरू श्री गुरू अरजनदेवजी ह्यांची ही रचना. दहा ओळींचे एक पद, आठ पदांची एक अष्टपदी व चोविस अष्टपदींचे सुखमनी साहिब हे काव्य बनलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01330176 | Lang: NA
-
विनय पत्रिका - विनयावली १५८
विनय पत्रिकामे , भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 0.01330176 | Lang: NA
-
अयोध्या काण्ड - दोहा २०१ से २१०
गोस्वामी तुलसीदास जीने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
Type: PAGE | Rank: 0.01254102 | Lang: NA
-
विनय पत्रिका - विनयावली १२३
विनय पत्रिकामे , भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 0.0110848 | Lang: NA
-
सुखमनी साहिब - अष्टपदी १७
हे पवित्र काव्य म्हणजे शिखांचे पांचवे धर्मगुरू श्री गुरू अरजनदेवजी ह्यांची ही रचना. दहा ओळींचे एक पद, आठ पदांची एक अष्टपदी व चोविस अष्टपदींचे सुखमनी साहिब हे काव्य बनलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.0110848 | Lang: NA
-
विनय पत्रिका - विनयावली १८१
विनय पत्रिकामे , भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 0.0110848 | Lang: NA
-
विनय पत्रिका - विनयावली १५०
विनय पत्रिकामे , भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 0.0110848 | Lang: NA
-
अयोध्या काण्ड - दोहा २३१ से २४०
गोस्वामी तुलसीदास जीने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
Type: PAGE | Rank: 0.00886784 | Lang: NA
-
अयोध्या काण्ड - दोहा १११ से १२०
गोस्वामी तुलसीदास जीने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
Type: PAGE | Rank: 0.00886784 | Lang: NA
-
बालकाण्ड - दोहा ११ से २०
गोस्वामी तुलसीदासने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की । संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
Type: PAGE | Rank: 0.00775936 | Lang: NA
-
रश्मिरथी - तृतीय सर्ग - भाग ५
राष्ट्र कवि "दिनकर" आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं।
Type: PAGE | Rank: 0.00665088 | Lang: NA
-
सुन्दरकाण्ड
`गीतावली` गोस्वामी तुलसीदास की एक प्रमुख रचना है जिसके गीतों में राम-कथा कही गयी है । सम्पूर्ण पदावली राम-कथा तथा रामचरित से सम्बन्धित है ।
Type: PAGE | Rank: 0.00387968 | Lang: NA
-
उत्तरकाण्ड
`गीतावली` गोस्वामी तुलसीदास की एक प्रमुख रचना है जिसके गीतों में राम-कथा कही गयी है । सम्पूर्ण पदावली राम-कथा तथा रामचरित से सम्बन्धित है ।
Type: PAGE | Rank: 0.00332544 | Lang: NA
-
अयोध्याकाण्ड
`गीतावली` गोस्वामी तुलसीदास की एक प्रमुख रचना है जिसके गीतों में राम-कथा कही गयी है । सम्पूर्ण पदावली राम-कथा तथा रामचरित से सम्बन्धित है ।
Type: PAGE | Rank: 0.0027712 | Lang: NA